यूपी में विधानसभा सीटो पर होने वाले उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें से 5 सीट सपा के पास हैं जबकि 3 बीजेपी और 1-1 सीट निषाद और आरएलडी के पास थी। इस उपचुनाव में एक बार फिर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच महामुकाबला देखने को मिल सकता है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एक बार फिर एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने सामने आ सकते हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में मौजूदा विधायकों के सांसद बनने से विधानसभा की 9 सीटें रिक्त हुई है। जबकि एक सपा विधायक को सजा मिलने के कारण सीट खाली हुई है। इस तरह करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर समेत प्रदेश की कुल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसको लेकर बीजेपी और सपा के साथ-साथ उनके सहयोगी दलों ने भी अपनी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं ये उपचुनाव 2027 विधानसभा चुनाव के नजरिये से बेहद अहम माना जा रहा है। बता दें इन सभी सीट पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना है।
दरअसल लोकसभा चुनाव में बीजेपी हो या सपा या फिर कोई अन्य दल सभी ने अपने-अपने मौजूदा विधायकों को सांसदी का चुनाव लड़ने का मौका दिया था। इसमें सबसे प्रमुख सपा मुखिया अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। अखिलेश कहरल सीट से विधायक थे उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया था। फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के जीतने से मिल्कीपुर विधानसभा सीट और सपा विधायक लालजी वर्मा के अम्बेडकरनगर से सांसद बनने के बाद कटेहरी सीट पर उपचुनाव होना है।
इसके साथ ही संभल सीट से सपा के टिकट पर सांसद बनने के बाद जियाउर्रहमान की कुंदरकी विधानसभा सीट भी खाली हो गई है। साथ ही सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद सदस्यता जाने के बाद कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। इस तरह कुल 10 सीटों में से 5 सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। जिनपर उपचुनाव होना है। इसके अलावा बाकी बची 5 सीटों में से बीजेपी के 3 और निषाद पार्टी व आरएलडी का 1-1 विधायक, सांसद बना है। बीजेपी विधायक अतुल गर्ग गाजियाबाद से सांसद चुने गए हैं, जिसके चलते गाजियाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है।वहीं राज्यमंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि बीजेपी के टिकट पर हाथरस लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं अनूप वाल्मीकि खैर सीट से विधायक थे। अब सांसद बनने के बाद खैर सीट पर उपचुनाव होना है।
साथ ही फूलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक प्रवीण पटेल फूलपुर से सांसद बने है। ऐसे में फूलपुर विधानसभा सीट रिक्त हुई है। इसके अलावा बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी से विधायक विनोद कुमार बिंद भदोही से बीजेपी के टिकट पर सांसद बने हैं, जिसकी वजह से मझवां विधानसभा सीट रिक्त हुई है। रएलडी के विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद बने हैं। चंदन चौहान मीरापुर विधानसभा सीट से विधायक थे। अब इस सीट पर उपचुनाव होना है।4
वहीं लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा उपचुनाव में भी एनडीए और इंडिया गठबंधन के मुकाबला देखने को मिल सकता है। दोनों गठबंधन सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे है। सपा अपनी पांच सीटों के अन्य सीटों पर भी चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस भी 3 सीटों पर दावा ठोक सकती है। कांग्रेस गाजियाबाद समेत पश्चिम की दो सीट पर चुनाव लड़ने की मांग कर सकती है। इसी तरह बीजेपी की सहयोगी रालोद चंदन चौहान के सांसद बनने के बाद मीरापुर सीट पर दावा ठोक सकती है। साथ ही अलीगढ़ की खैर सीट पर भी आरएलडी अपना दावा कर सकती है। निषाद पार्टी भी मझवां सीट पर दावा कर सकती है। क्योंकि मझवां से निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद भदोही से सांसद बने है।