न्यू नोएडा प्रोजेक्ट की फाइल अभी तक एक कदम आगे नहीं बढ़ी, इसके बावजूद यहां की जमीनों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। न्यू नोएडा क्षेत्र में स्थित गांवों में जमीन के दाम एक करोड़ रुपये प्रति बीघा तक पहुंच गए हैं। जीटी रोड से सटे गांवों में तो जमीन के दाम दो करोड़ रुपये प्रति बीघा तक पहुंच गए हैं। यह स्थिति तब है, जब यह किसी आधिकारिक योजना की घोषणा नहीं की गई है।
हजारों किलोमीटर दूर से आ रहे खरीदार
हमसे से जुड़े हजारों आम लोगों ने न्यू नोएडा से प्रभावित गांवों में रहते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, और मेरठ जैसे महानगरों के बड़े निवेशक न्यू नोएडा में जमीन खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। इस क्षेत्र में अधिकतर जमीन वेयरहाउस बनाने के लिए खरीदी जा रही है। दर्जनों वेयरहाउस पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं।
निवेश के अवसरों को बढ़ावा देगी यह टाउनशिप
न्यू नोएडा में जमीन की कीमतों में इस तेजी का एक मुख्य कारण ग्रेटर नोएडा में एशिया का सबसे बड़ा कंटेनर डिपो, लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब बनने जा रहा है। यह परियोजना क्षेत्र में वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी और निवेशकों के लिए यह क्षेत्र और भी आकर्षक बन जाएगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ग्रेटर नोएडा में रेलवे लाइन से सटे क्षेत्र में 745 एकड़ में बन रही एक इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप पर विशेष जोर दे रही है। यह टाउनशिप भी क्षेत्र में विकास और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देगी।
जमीन की कीमतें आसमान छू रही
ग्रेटर नोएडा में इन विकास योजनाओं के कारण न्यू नोएडा में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। आने वाले समय में इस क्षेत्र में और अधिक विकास की उम्मीद है, जिससे यहां के जमीनों के दाम और भी बढ़ सकते हैं। निवेशकों और स्थानीय निवासियों के लिए यह समय अपने निवेश के फैसलों पर पुनर्विचार करने और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए योजना बनाने का है। न्यू नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हो रहे इन विकास कार्यों से यह क्षेत्र उत्तरी भारत का प्रमुख वाणिज्यिक और आवासीय हब बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।