संभल विवाद: 2012 से पहले का सच और आज की तस्वीर
हरि मंदिर से जामा मस्जिद तक: एक धार्मिक स्थल की यात्रा पर बढ़ता विवाद!
Explore Full Story2012 से पहले संभल
2012 से पहले, संभल में हरि मंदिर के नाम से प्रसिद्ध स्थान पर पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान होते थे। यहां माता-बहनें शादी से पहले की परंपराएं पूरी करने आती थीं। समाज के सभी वर्ग इसे सांस्कृतिक धरोहर मानते थे।
हरि मंदिर के पुराने समय की तस्वीरें।
विवाद के मुख्य बिंदु
- 🔴 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद पूजा-पाठ पर रोक।
- 🔴 हरि मंदिर को जामा मस्जिद में तब्दील करने के आरोप।
- 🔴 वरशिप एक्ट का उल्लंघन: धार्मिक स्थल का स्वरूप बदला गया।
- 🔴 बीजेपी विधायक ने तस्वीरें और गजट की मांग उठाई।
पुरानी और नई तस्वीरें
2012 से पहले के अनुष्ठान।
वर्तमान जामा मस्जिद।
देवरिया सदर के बीजेपी विधायक ने संभल को लेकर जो बोले की काफी सारा विवाद चल रहा है, चर्चाएं चल रही हैं। उनके बीच आप संभल का सरकारी गजट निकालेंगे और उस जगह को लेकर जो कुछ भी लिखा गया है। साहित्य, में, किताबों में, आर्टिकल्स में उसको आप पढ़ेंगे तो आप बहुत स्पष्ट आपको समझ में आएगा कि 2012 में समाजवादी पार्टी सरकार बनने से पहले आपको तस्वीरें मिलेंगी कि बहुत सी माताएं बहनें वहां जाती थीं पूजा पाठ करती थीं। हिन्दू रिचुअल्स होते थे।
शादी ब्याह से पहले तमाम सारे कार्यक्रम होते थे, सब वहां होते थे। हरि मंदिर के नाम से हर व्यक्ति उस जगह को जानता था संभल का बच्चा बच्चा जानता था। 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार आई। शफीकुर्रहमान बर्क जो समाजवादी पार्टी के बड़े नेता हैं सांसद रहे हैं, उनके दबाव में समाजवादी पार्टी की सरकार में उस जगह पर पूजा पाठ बंद करा दी गई।
पूरी तौर पर हरि मंदिर को कन्वर्ट कर दिया गया जामा मस्जिद में। वरशिप एक्ट की बात करते हैं, वरशिप एक्ट यह कहता है कि किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरूप नहीं बदला जाना चाहिए। 2012 में क्यों बदला गया। इसके पहले वहां पूजा पाठ भी होती थी।
2012 के पहले माता बहनों का भी आना जाना होता था। शादी ब्याह की बहुत सारी परंपराएं होती थीं। 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर उस जगह पर पूजा पाठ पूरी तरह बंद करा दिया गया और उस जगह को जामा मस्जिद के तौर पर तब्दील कर दिया गया।
विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने X पोस्ट में मंदिर के नक्शे और हिंदू शादी ब्याह पर पूजन की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं।