15 अगस्त 1947, भारतीय इतिहास का एक अमूल्य और ऐतिहासिक दिन है, जिसे हर भारतीय गर्व और उत्साह के साथ मनाता है। इसी दिन भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की और एक स्वाधीन राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई। इस दिन की ऐतिहासिक महत्वता को समझने के लिए हमें इसके पीछे की घटनाओं और संघर्षों को जानना होगा।
स्वतंत्रता की ओर पहला कदम
भारत की स्वतंत्रता की ओर पहला कदम 1857 में उस समय पड़ा जब भारतीय सिपाहियों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह किया। हालांकि, यह विद्रोह असफल हो गया, लेकिन इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी। इसके बाद, 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना हुई, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित संघर्ष का एक प्रमुख मंच बनी।
गांधीजी का योगदान
महात्मा गांधी का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में विशेष योगदान था। 1915 में भारत लौटे गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसात्मक विरोध की रणनीति अपनाई। 1930 में ‘नमक सत्याग्रह’ और 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन का रूप लिया। गांधीजी के नेतृत्व में चलाए गए ये आंदोलनों ने भारतीय जनता को स्वतंत्रता के लिए और भी अधिक जागरूक और प्रेरित किया।
दूसरी विश्व युद्ध और स्वतंत्रता की दिशा
दूसरी विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य की स्थिति कमजोर हो गई, और युद्ध के अंत तक ब्रिटेन ने भारत के स्वतंत्रता की मांग को स्वीकार कर लिया। 1942 में गांधीजी द्वारा शुरू किए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ और ब्रिटिश सरकार के प्रति बढ़ते दबाव ने स्वतंत्रता की दिशा को और तेज कर दिया।
माउंटबेटन योजना और विभाजन
1947 में, ब्रिटिश सरकार ने माउंटबेटन योजना को स्वीकार किया, जिसके तहत भारत को स्वतंत्रता दी जाने वाली थी। इसके साथ ही, भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन का प्रस्ताव भी रखा गया। 3 जून 1947 को माउंटबेटन योजना की घोषणा की गई, जिसमें भारत के विभाजन और दो स्वतंत्र देशों की स्थापना का निर्णय लिया गया। इसके अनुसार, 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्रदान की गई, और पाकिस्तान को 14 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली।
स्वतंत्रता का ऐतिहासिक दिन
15 अगस्त 1947 को, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किला पर तिरंगा झंडा फहराया और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। यह दिन भारतीय जनता के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ था, जिसने 200 वर्षों की दासता को समाप्त कर दिया और एक नए युग की शुरुआत की।
स्वतंत्रता की भावना
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाना सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह उन सभी शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता और बलिदान को भी श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। यह दिन हमें स्वतंत्रता की महत्वता का एहसास कराता है और देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
आज भी, 15 अगस्त का यह दिन भारतीयों के दिलों में गर्व और उल्लास की भावना भरता है और हमें एकता, अखंडता और समर्पण की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है।