भारत में वाहनों पर हूटर और बत्ती लगाने के नियम और कानून निम्नलिखित हैं:
हूटर के नियम:
1. प्रयोग पर प्रतिबंध: हूटर का प्रयोग केवल आपातकालीन सेवाओं (जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस वाहन) द्वारा किया जा सकता है। आम नागरिकों को अपने निजी वाहनों पर हूटर लगाने की अनुमति नहीं है।
2. ध्वनि स्तर: वाहन के हॉर्न का ध्वनि स्तर एक निश्चित सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। यह सीमा आमतौर पर 75-80 डेसीबल होती है।
3. दंड: यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से अपने वाहन पर हूटर लगाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। दंड में जुर्माना और हूटर को हटाने का आदेश शामिल हो सकता है।
बत्ती के नियम:
1. लाल और नीली बत्ती: लाल और नीली बत्ती का प्रयोग केवल कुछ विशिष्ट अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, नीली बत्ती का प्रयोग पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस द्वारा किया जा सकता है। लाल बत्ती का प्रयोग केवल विशिष्ट सरकारी अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
2. अनुमत बत्तियाँ: निजी वाहनों के लिए केवल मानक हेडलाइट, टेल लाइट, इंडिकेटर और फॉग लाइट का प्रयोग अनुमत है। किसी भी प्रकार की फ्लैशिंग बत्ती या डिस्को लाइट्स का प्रयोग प्रतिबंधित है।
3. दंड: यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से अपने वाहन पर लाल या नीली बत्ती लगाता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। इसमें जुर्माना और बत्ती को हटाने का आदेश शामिल हो सकता है।
इन नियमों का उल्लंघन करने पर भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इन नियमों का पालन सभी वाहन मालिकों के लिए आवश्यक है ताकि सड़कों पर सुरक्षा और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।