सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों में राखी बांधने को लेकर कई नियमों का वर्णन मिलता है जिनका ध्यान रखने पर जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसी प्रकार राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखना जरूरी है। तो चलिए जानते हैं कि इस बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे बहनों और भाइयों के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनके लिए तरक्की की कामना करती हैं। इसके बाद भाई, बहन को उपहार देने के साथ-साथ रक्षा का वचन भी देते हैं। राखी बांधते समय शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भी पड़ता है।
1.रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय – दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से रात 09 बजकर 08 मिनट तक
2.रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से शाम 4 बजकर 20 मिनट तक
3.रक्षा बन्धन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त – शाम 06 बजकर 56 मिनट से रात 09 बजकर 08 मिनट तक
4.रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय – प्रातः 05 बजकर 53 से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक
रक्षा बंधन पर राखी बांधने का सबसे सही समय अपराह्न के दौरान होता है, जो दोपहर बाद का समय होता है। वहीं भद्रा काल के दौरान भाई के हाथ में राखी बांधना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में 19 अगस्त यानी रक्षा बन्धन के दिन दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से शाम 4 बजकर 20 मिनट तक राखी बांधी जा सकेगी।
शोभन योग – पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग – प्रात: 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक
रवि योग – प्रात: 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक
भाई को राखी बांधने से पहले उनकी आरती उतारें और फिर माथे पर तिलक लगाएं। भाई के दाहिने हाथ में राखी बांधना शुभ होता है। क्योंकि दाहिने हाथ से किए गए कार्यों जैसे दान आदि को भगवान स्वीकार करते हैं। इसके बाद भाईयों को अपनी बहनों के पैर छूने चाहिए। साथ ही इस दिन भाइयों द्वारा बहनों को कुछ उपहार देने का भी चलन है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। देवरिया प्राइम न्यूज़ यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है।