उन्नाव में पीएसी की 26वीं वाहिनी के कमांडेंट रहे कृपाशंकर कनौजिया को डिमोट कर उनके पहले पद पर भेज दिया गया है। उन्होंने सिपाही पद से अपना करियर शुरू किया था। वह तीन साल पहले एक महिला सिपाही के साथ होटल के कमरे में मिले थे। इसको लेकर काफी बवाल मचा था।
बीघापुर थाने में डीएसपी रहे कृपाशंकर कनौजिया को डिमोट कर सिपाही बना दिया गया है। 59 साल के कनौजिया अगले साल रिटायर होने वाले हैं। रिटायरमेंट से मात्र एक साल पहले डिप्टी एसपी लेवल के अफसर के खिलाफ ऐसे सख्त फैसले को लेकर चर्चा शुरू हो गई। खुद पुलिस महकमे में इस फैसले के सही या गलत होने को लेकर बहस का दौर शुरू हो गया है। चर्चा हो रही है कि क्या अनुशासनहीनता करने पर किसी पुलिस अफसर को इस हद तक सजा दी जा सकती है। कई रिटायर्ड पुलिस अफसरों का तो यहां तक कहना है कि सजा अपराध को देखते हुए मिलनी चाहिए। बहुत कम सिपाही ऐसे होते हैं जो अपने दशकों के करियर में कड़ी मेहनत के बल पर डीएसपी जैसे पद तक पहुंचते हैं। रिटायर्ड अफसरों ने अपील की है कि ऐसे कड़े फैसले दुर्लभतम मामलों में ही लिए जाने चाहिए।
गौरतलब है कि जुलाई 2021 में कृपाशंकर कनौजिया ने गोरखपुर अपने घर जाने के लिए छुट्टी ली, लेकिन वहां नहीं पहुंचे। उनका फोन भी बंद जा रहा था। किसी अनहोनी की आशंका में पत्नी ने उन्नाव के एसपी को फोन मिला दिया। तत्काल पुलिस टीम ने कनौजिया के फोन को सर्विलांस पर लगाया तो पता चला कि वह कानपुर के माल रोड इलाके में मौजूद हैं। पुलिस टीम माल रोड के एक होटल में पहुंची जहां कनौजिया एक महिला सिपाही के साथ ठहरे हुए थे। यह मामला सामने आने पर पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई थी। तभी से इसकी जांच चल रही थी।