मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रासाउंड जांच शनिवार को ठप रही। इसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा। दूर-दराज से आए मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। कुछ लोगों को मजबूरी में बाहर जांच करानी पड़ी। यह दिक्कत रेडियोलाॅजिस्ट के न्यायालय कार्य से जाने के कारण आई।
मेडिकल कॉलेज में पुरुष और महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा है, लेकिन रेडियोलाॅजिस्ट की कमी है। अस्पताल मात्र दो रेडियोलाॅजिस्ट हैं, जिसमें पुरुष व महिला अस्पताल में एक-एक की तैनाती है। किसी एक के न रहने से परेशानी होती है। पुरुष अस्पताल के अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र पर ओपीडी के विभिन्न विभागों से डॉक्टर हर रोज करीब 60 से 70 मरीजों को जांच लिखते हैं। यहां प्रतिदिन 50 लोगों की ही जांच होती है। इसके अलावा वार्ड के मरीजों की भी जांच होती है। शनिवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज जांच के लिए पहुंच रहे थे। रेडियोलाजिस्ट के न होने की जानकारी मिलते ही उन्हें निराश होना पड़ा।
जांच न होने से रिपोर्ट डॉक्टर को नहीं दिखाने से उनका समुचित इलाज नहीं हो पाया और घर लौटना पड़ा। जरूरी होने पर कुछ लोगों को निजी सेंटरों का सहारा लेना पड़ा, जहां उन्हें 600 से 800 रुपये कीमत चुकानी पड़ी। रेडियोलाजिस्ट की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।