बाजार में चाइना का लहसुन आने के बाद देसी लहसुन की बिक्री काफी प्रभावित हो गई है। जहां पहले प्रतिदिन पांच से छह टन लहसुन बिक रहा था अब यह आठ से 10 कुंतल तक रह गया है। बिक्री घटने से थोक कारोबारी परेशान हैं। उनका कहना है कि चाइना लहसुन अवैध तरीके से गोरखपुर मंडी से मंगाया जा रहा है, जबकि यह वर्ष 2014 से यहां प्रतिबंधित है। इससे राजस्व की भी क्षति हो रही है। कई बार वह इसकी शिकायत मंडी समिति कार्यालय में दर्ज करा चुके हैं, हालांकि विभाग इस ओर से लापरवाह बना हुआ है।
दाल, टमाटर के बाद अब धंधेबाजों ने नेपाल के रास्ते गोरखपुर पहुंचने वाली चाइनीज लहसुन की तस्करी शुरू कर दी है। हर रोज शहर से लेकर जिले के विभिन्न कस्बों व बाजारों में चाइनीज लहसुन खपाया जा रहा है। वर्ष 2014 से इसके भारत में बिक्री पर रोक है, लेकिन कम दाम होने के चलते धंधेबाज इसे मंगा रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं। देसी लहसुन से इसकी कीमत कम होने के कारण लोगाें में इसकी मांग भी बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि चाइनीज लहसुन स्वाद के साथ सेहत के लिए भी बेहतर नहीं होता, बावजूद इसके कम दाम में मिलने के चलते लोग इसका इस्तेमाल करने से चूक नहीं रहे हैं। मंडी के थोक कारोबारियों के अनुसार देसी लहसुन का वर्तमान मूल्य 200 से 250 रुपये प्रति किलो है। जबकि चाइनीज इससे 60 से 70 रुपये कम में उपलब्ध हो जा रहा है।
गोरखपुर के साहबगंज मंडी से यह सीधे देवरिया के अलावा, सलेमपुर, भटनी, लार, रुद्रपुर, बरहज आदि जगहों पर पहुंच जा रहा है। शहर के मोहन रोड पर भी कुछ व्यापारी इसे बेच रहे हैं। लहसुन के थोक कारोबारी मदन सिंह, सचिन गुप्ता, प्रभुनाथ मद्धेशिया ने बताया कि चाइनीज लहसुन बाजार में आने के चलते उनका व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हो गया है। हम लोग मंडी शुल्क देते हैं, लेकिन चीन से आया लहसुन बेचने वाले शुल्क भी नहीं दे रहे हैं। इससे आम व्यापारी परेशान हैं।
बीआरडी पीजी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. हरिशंकर गोंविद राव ने बताया कि बाजार में ज्यादा सफेद व मोटा लहसुन बिक रहा है। सेहत के लिहाज से इसे खरीदने से बचे। देसी लहसुन बहुत साफ, चिकना, दिखने में मजबूत होगा। स्वाद में भी यह चाइनीज से बेहतर होता है। जो पोषक तत्व देसी में होता है वह चाइना में नहीं होता। देसी लहसुन में 85 प्रतिशत फ्रुक्टोज, 14 प्रतिशत ग्लूकोज, एक प्रतिशत गेलेक्टोज मुख्य तत्व एवं इसके अलावा प्रोटीन, एंजाइम, विटामिन सी, सैपोनिन, फ्लेवोनाइड आदि पदार्थ पाए जाते हैं।
शहर के कुछ फुटकर किराना दुकानदार व व्यापारी ट्रांसपोर्ट नगर गोरखपुर से चाइना वाला लहसुन मंगा रहे हैं। दो से तीन टन हर दिन जिले में खप रहा है। एक माह से यह समस्या बनी हुई है। इससे व्यवसाय पूरा प्रभावित हुआ है। जब व्यवसाय नहीं होगा तो टैक्स कहां से देंगे।